प्रभु की यह कैसी माया ?

प्रभु की यह कैसी माया ? अब मुझे ठीक से अहसास हो चला है कि भारतीय रेल के लिए चाहे जितने जतन किये जाएँ , सुधर नहीं सकती !!! प्रभु जी से ...
Read More

मगर झोपड़ी खड़ी नहीं

रात में ही आ गए थे मगर सुबह हुई नहीं  मकान की तलाश मगर झोपड़ी खड़ी नहीं | काश , किस कदर मुंहतकी निगाह से देखता रहूँ  क्यों निर्झर पंख...
Read More